भगवान ज्ञान रै रूप मांय सगळा प्राणी रै मांय रैवै है। जे जीव-जंतुवां रै कनै भोजन नीं है तो वै दुख भोगैला अर मर जावैला। इण वास्तै, जे आपां उण जीव नै खिलावां तो बो जीव अर भगवान दोनूं ई सुखी हुय जावैला। तो जीव-जंतुवां री मदद करणो ईश्वर री पूजा है।
आ बात साची समझणी चाइजै कै करुणा सूं मिलण आळो असली ज्ञान ईश्वर रो ज्ञान है।
करुणा सूं मिलण आळो अनुभव ईश्वर रो अनुभव है। मदद करण सूं मिलण आळी खुशी नै भगवान रो परमानंद कैवै है।